Monday, January 28, 2013

माँ तो आखिर माँ होती है, वो अमीरी गरीबी, जगह नहीं देखती है, जब भी समय मिलता है वो हमेशा अपने बच्चे को दुलारती है, कुछ ऐसा ही नजारा कुम्भ में हमारे कैमरे में कैद हुआ जब सिंदूर की दूकान लगाये हुई माँ अपने बच्चे को दुलारने लगी। हमारी और आप सब की माँ को कुम्भ की धरती से हमारा और आपका नमन। Photo: Kinjal Kumar

माँ तो आखिर माँ होती है, वो अमीरी गरीबी, जगह नहीं देखती है, जब भी समय मिलता है वो हमेशा अपने बच्चे को दुलारती है, कुछ ऐसा ही नजारा कुम्भ में हमारे कैमरे में कैद हुआ जब सिंदूर की दूकान लगाये हुई माँ अपने बच्चे को दुलारने लगी। हमारी और आप सब की माँ को कुम्भ की धरती से हमारा और आपका नमन। Photo: Kinjal Kumar

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